रात है गहरी गहरी.... रात है गहरी गहरी....
कुछ इस तरह ऐसा एक क्या पैग़ाम आया ! कुछ इस तरह ऐसा एक क्या पैग़ाम आया !
मैं भी अब वैसी नहीं जैसे तुम देखा करते थे मैं रही ही नहीं अब तुम्हारे बाद....! मैं भी अब वैसी नहीं जैसे तुम देखा करते थे मैं रही ही नहीं अब तुम्हारे ...
खुद को सम्हाल ले हुश्नपरी, मैं जादूगर कहलाता हूँ। खुद को सम्हाल ले हुश्नपरी, मैं जादूगर कहलाता हूँ।
और जब डूबे तो दो नाम एक साथ होंगे। और जब डूबे तो दो नाम एक साथ होंगे।
आकर मेरे इस जीवन में तुम इसे अब सुखांत बनाओ ! आकर मेरे इस जीवन में तुम इसे अब सुखांत बनाओ !